सिवान जिले के जमुआ जलालपुर में पली बढ़ी निरुपमा पांडे [एयरफोर्स में क्लास १ गजेटेड ऑफिसर] का साहस बिहार की दूसरी लड़कियों ही नहीं लड़कों के लिए भी प्रेरणास्रोत का काम करेगा.
माउन्ट एवेरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली बिहार की पहली महिला निरुपमा पांडे से ९ जुलाई २०११ मेरी मुलाकात हुई. वे एक प्रोग्राम में बतौर चीफ़ गेस्ट की हैसियत से पटना आई थीं. उनके जीवन साथी प्रकाश झा भी साथ में थे. उनका बात करने का एक अलग अंदाज था. बात बात पर मंद मुस्कान, कुछ देर की मुलाकात में ही बिलकुल अपनापन सा लगने लगा. उन्होंने न सिर्फ एवेरेस्ट फतह की बातों के बारे बताया बल्कि अपनी निजी ज़िन्दगी के बारे में भी हमसे शेयर की.
बचपन से निरुपमा को mauntaning का शौक था. यह शौक धीरे-धीरे जूनून में बदल गया. और वे हमेशा सोते जागते, उठते बैठते एक सपना देखने लगी एवेरेस्ट पर तिरंगा लहराने की. बताती हैं की जब कोई इन्शान कुछ करने को सोंच ले तो हर मुश्किल काम आसान हो जाता है.
बिहार के लिए कुछ करना चाहती हैं . एवेरेस्ट की छोटी पर जाकर निरुपमा ने तो फतह हासिल कर ली लेकिन बिहार के योवओं को स्पोर्ट्स की tranning देने में कब कामयाब होती हैं उन्हें इसका बेसब्री से इंतजार है. उन्होंने बताया की मेरी चाहत है की बिहार के लिए कुछ करूँ. शौक धीरे धीरे जूनून में बदल गया और एयरफोर्स ज्वाइन करने के बाद माउन्ट एवेरेस्ट पर जाने का सपना देखने लगी और कामयाबी मिली. अपने पति के बारे में बताती हैं की मेरे पति बहुत supportive हैं. घर , ऑफिस या कही भी support करते हैं. एवेरेस्ट के सफलता में मेरे ससाथ थे. उनका यही प्यार मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. ऑफिस से लौटने के बाद घर के काम काज में हम दोनों एक दुसरे का साथ देते हैं. वे कहती हैं की आज लड़कियां हर छेत्र में आगे बढ़ रही हैं. जो पिछड़ी हुई हैं उसका कारन अशिक्षा है.
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